सुखी जीवन कैसे जिएँ।

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सुखी जीवन कैसे जिएँ। सुखी जीवन के लिए सुझाव।

सुखी जीवन के लिए कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं, इन पर कोई अमल करें तो निश्चित रूप से अपने जीवन को सुखमय बना सकता है। चलिए एक-एक करके सभी सुझावों को देखते हैं।

1-  हमें धीरे बात करनी चाहिए लेकिन जल्दी सोचना चाहिए।

2- कुछ भी बोलने से पहले सोचें जरूर, बिना सोचे समझे कभी न बोलें।

3- बिना मांगे किसी को सुझाव न दें, जब आप से सुझाव मांगा जाए तभी दें।

4- दूसरों के फालतू बातों में ना उलझें। अपने काम से काम रखें। अपने लक्ष्य पर ध्यान दें।

5- अपने बच्चों के सामने अपने पति या पत्नी की आलोचना न करें।

6- अपने पति/पत्नी को उसके सोचने से अधिक दें, प्रसन्नता पूर्वक दें। आपकी पति/पत्नी को आप पर गर्व हो।

7- अपने पारिवारिक निर्णयों में अपने बच्चों को भी शामिल करें,  उनके सोच या विचार आप को आश्चर्यचकित कर देंगे।

8- अपने बच्चों में,  निश्चित समय पर सोने और जागने की आदत डालें।

9- अपने बच्चों को उनके मित्रों के सामने ना डाँटें या पीटें नही।

10- अपने विचारों पर ध्यान दें, वे आपके शब्द बन जाएंगे।

11- अपने कार्यों पर ध्यान दें, वे आपकी आदत बन जाएंगे।

12- अपनी आदतों पर ध्यान दें, वे आपके चरित्र बन जाएंगे

13- याद रखें, जो व्यक्ति जैसे सोचता है, वैसे करता है, वैसे ही बन जाता है।

14- हमारी सोच ही हमारे जीवन के सुख और दुख के लिए जिम्मेदार है।

15- याद रखें, यदि हमारी सोच हमें दुखी न करें तो ईश्वर में भी इतनी ताकत नही की हमें दुखी कर सकें।

16- सकारात्मक सोचें, किसी भी चीज के बारे में सकारात्मक सोच ही रखें।

17- यदि हम अच्छा सोचते हैं, कुछ शुभ सोचते हैं, तो उस पर अमल जरूर करें। जब तक हम अमल नहीं करते हैं, सोच सिर्फ सोच ही रह जाती हैं।

18- समय के पाबंद बनें, अपना हर काम निश्चित समय पर करने की कोशिश करें।

19- अपने कार्य के प्रति समर्पित रहें, अपने कार्य मे रुचि लीजिए, कार्य में आनंद लीजिए। कोई कार्य छोटा- बड़ा नही होता।

20- जब भी कोई कार्य करें, तो कार्य को पूरा करने की कोशिश करें, हो सके तो पूरा करके ही छोड़ें। कार्य आधा-अधूरा ना छोड़ें।

21- दृढ़ निश्चयी, जुझारू, हिम्मती और कर्तव्यनिष्ठ बनें।

22- इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है, पूर्ण विश्वास के साथ आगे बढ़ते रहें। एक दिन आपकी मनोकामना जरूर पूरी होगी।

23- परिवार में छोटे-बड़े सबका सम्मान करें। याद रखें, जहां भी रहें, जिन किसी के साथ रहें, सबके साथ परिवार की भावना के साथ रहें।

24- अपने जुबान के पक्के बने।

25- अपने काम से काम रखें, फालतू के झमेले में पड़ने से बचें।

26- मौका मिले तो दूसरों की मदद जरूर करें।

27- सुबह शाम ईश्वर से मनो-संवाद जरूर करें। ईश्वर की शरण में जाएं।

28- भरपूर नींद लें, समय से सोएं, समय से जागें।

29- उचित मात्रा में संतुलित भोजन करें।

30- दूसरों के सुख-दुख में शामिल हों।

उम्मीद करता हूं, ये पोस्ट आपको अच्छा लगा होगा। अच्छा लगा हो तो यह पोस्ट को दूसरों को शेयर जरूर करें। धन्यवाद!

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