पंखा चलता सन-सन-सन

पंखा चलता सन-सन-सन, बच्चों के लिए कविता

© Vidyaratna Official © All Right Reserved.

पंखा चलता सन-सन-सन

मन करता है फन-फन-फन

आई गर्मी पंखा लाओ,

बिजली देकर इसे चलाओ।

इसके नीचे तुम सो जाओ

तो गर्मी को मार भगाओ

पंखा सबको हवा है देता

गर्मी की है दवा ये देता

पंखा चलता सन-सन-सन

मन करता है फन-फन-फन

पंखा सर-सर चलता है

मुन्नू घर्र-घर्र सोता है।

दोस्त है इसकी बिजली रानी

बिजली है करती मनमानी

क्षण में आती क्षण में जाती

बिजली सबके मन को भाती

जब बिजली चली जाती है

गर्मी बहुत सताती है।

पंखा भी सो जाता है

आते बिजली जग जाता है।

पंखा चलता सन-सन-सन

मन करता है फन-फन-फन

दिनेश कुमार भूषण

© Vidyaratna Official © All Right Reserved.

Leave a Reply